हजारीबाग में 22 लिपिक को नहीं मिला रहा प्रोन्नति का लाभ, छह माह से नहीं बढ़ा है वेतन
हजारीबाग, 8 मई 2025 — झारखंड के हजारीबाग जिले में 22 लिपिकों को प्रोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है और उनका वेतन पिछले छह माह से नहीं बढ़ा है। इन कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी प्रोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा रही है। इस मुद्दे ने कर्मचारियों के बीच नाराजगी को जन्म दिया है, और वे अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
ये 22 लिपिक विभिन्न सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे हैं और पिछले कई सालों से एक ही पद पर कार्यरत हैं। उनका कहना है कि उनकी प्रोन्नति की प्रक्रिया अटक गई है, और उनकी मेहनत के बावजूद वेतन में वृद्धि नहीं हो रही है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
एक लिपिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
"हम पिछले छह महीनों से अपने वेतन में किसी भी प्रकार की वृद्धि का इंतजार कर रहे हैं। हमारी प्रोन्नति भी अटकी हुई है, और हमें यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार किस कारण से हमें इसके लाभ से वंचित किया जा रहा है।"
इन लिपिकों का कहना है कि उनके विभाग में प्रोन्नति के नियम स्पष्ट नहीं हैं और विभिन्न कारणों से उनकी नियुक्ति और प्रमोशन प्रक्रिया लंबित पड़ी हुई है। कुछ कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि प्रमोशन के लिए आवश्यक कागजात और रिपोर्ट भी समय पर नहीं जमा किए जा रहे हैं, जिसके कारण उनकी प्रोन्नति में देरी हो रही है।
एक वरिष्ठ लिपिक ने बताया,
"हमने कई बार उच्च अधिकारियों से अनुरोध किया है कि हमारी प्रोन्नति प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे हमारे मनोबल पर असर पड़ रहा है।"
इस मामले पर हजारीबाग जिला प्रशासन ने कहा है कि कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि और प्रोन्नति के मामले पर विचार किया जा रहा है। जिला कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
"हम मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। जिन कर्मचारियों की प्रोन्नति लंबित है, उन्हें जल्द ही लाभ मिलेगा। कुछ तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनें हैं, जिनके हल होते ही वेतन और प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।"
इस स्थिति को लेकर कर्मचारी संघ भी सामने आया है। संघ के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा,
"हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि सभी कर्मचारियों को उनके कड़ी मेहनत का उचित सम्मान मिले। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इस मुद्दे को जल्दी सुलझाएगा और हमें हमारी प्रोन्नति और वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की जाती, तो हम विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।"