नई दिल्ली, 8 मई 2025 — भारत में एक और दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आतंकवादी हमले में एक मासूम बच्ची की यह चीख़, "मत रो मम्मा… आतंकवादी बहुत गंदे हैं, मेरे पापा को मार दिया!", सुनकर हर किसी का दिल टूट गया। यह घटना उस समय की है जब आतंकवादियों ने कश्मीर के एक सुरक्षाकर्मी को निशाना बनाकर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई और इस दौरान उसकी पत्नी और छोटे बच्चों की जान बाल-बाल बच गई।
यह हमला कश्मीर के शोपियां जिले में हुआ, जहां आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों की एक गश्ती टीम को निशाना बनाया। हमले में जवान की तत्काल मौत हो गई, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चों ने हमले में अपनी जान बचा ली। जब आतंकवादियों ने जवान की हत्या की, तब उसकी मासूम बेटी ने अपनी मां से यह दर्दनाक शब्द कहे, जो आज देशभर में चर्चा का विषय बन गए हैं।
बच्ची की चीख ने न केवल उस परिवार को झकझोर दिया, बल्कि पूरे देश के दिलों को हिला दिया। वह मासूम बच्ची जो इस दर्दनाक घटना को समझ नहीं पा रही थी, उसने जिस तरह से आतंकवादियों को "गंदा" बताया, वह पूरी घटना की भयावहता को और अधिक सामने लाता है। उसका यह शब्द — "आतंकवादी बहुत गंदे हैं" — आतंकवाद के नफ़रत भरे और निर्दयी चेहरे को उजागर करता है।
घटना के बाद पूरे देश में ग़म और गुस्से का माहौल है। लोग सोशल मीडिया पर इस मासूम की चीख़ को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, और एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। लोग एकजुट होकर सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
नेताओं और राजनीतिक दलों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया,
“यह घटना बेहद दुखद है और हम आतंकवादियों को इस घृणित कार्य के लिए कड़ी सजा दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।”
वहीं, कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा,
“इस घटना से कश्मीर की जनता को गहरी चोट लगी है। मासूम बच्चों और परिवारों को इस तरह की घटनाओं का शिकार नहीं होना चाहिए। आतंकवाद का कोई भी रूप बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
हमले के बाद, उस परिवार को बचाने वाली महिला का हाल बहुत ही दिल दहला देने वाला है। वह लगातार अपने पति की हत्या को लेकर शोक व्यक्त करती रही, और साथ ही अपने बच्चों को इस दर्दनाक घटना से उबारने की कोशिश कर रही है। महिला ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“मेरे पति को बर्बरता से मारा गया, और अब मुझे अपनी बच्चों की सुरक्षा करनी है। उनकी मासूमियत और उनके शब्द, ‘मत रो मम्मा’, मुझे हर दिन याद आते हैं।”
यह घटना केवल उस परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरा सदमा है। आतंकवाद का प्रभाव केवल सरकारी और सुरक्षाकर्मी तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि यह सामान्य नागरिकों, बच्चों, और पूरे समाज को प्रभावित करता है। एक मासूम बच्ची का यह शब्द उस जघन्य अपराध का प्रमाण है, जिसे हर किसी ने महसूस किया है।
इस घटना ने हमें यह समझाया कि आतंकवाद न केवल हमारे सैनिकों को, बल्कि हमारे बच्चों और परिवारों को भी निशाना बनाता है। जब तक इस घृणित अपराध का सामना हम सब नहीं करेंगे, तब तक यह हमारी समाज की एक घातक सच्चाई बनी रहेगी। देश को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठानी होगी, ताकि इस प्रकार की घटनाओं का अंत हो सके।
हमारे सुरक्षा बल और नागरिक एक साथ मिलकर ही इस चुनौती का सामना कर सकते हैं और आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।