जम्मू-कश्मीर, 8 मई 2025 — एलओसी (नियंत्रण रेखा) से लगे गांवों में एक बार फिर डर का माहौल बन गया है। 7 मई की रात पाकिस्तान की ओर से अचानक की गई भारी गोलीबारी ने स्थानीय निवासियों की नींद उड़ा दी। यह गोलीबारी भारत द्वारा की गई सफल सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ठीक बाद हुई, जिससे विशेषज्ञ इसे बदले की कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं।
गोलियों की आवाजों से गूंज उठे सीमावर्ती गांव
राजौरी और पुंछ सेक्टरों में रात करीब 11 बजे से पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों के साथ-साथ मोर्टार से फायरिंग शुरू की। फायरिंग कई घंटों तक जारी रही। इससे सटे गांवों जैसे कि केरन, बालाकोट और नौशेरा में अफरातफरी मच गई।
स्थानीय निवासी रईस अहमद, जो पुंछ के निकट एक गांव में रहते हैं, ने बताया:
“रात को अचानक गोलियों की आवाज़ आई। बच्चों को लेकर हम लोग बंकरों में चले गए। यह पहली बार नहीं है, लेकिन इस बार डर और ज्यादा था।”
भारतीय सेना का माक़ूल जवाब
पाकिस्तानी फायरिंग का भारतीय सेना ने पूरी ताकत से जवाब दिया। रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, भारतीय जवानों ने न केवल जवाबी कार्रवाई की, बल्कि कई पाकिस्तानी पोस्टों को निशाना बनाते हुए उन्हें भारी नुकसान पहुँचाया।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के चलते पाकिस्तानी फायरिंग लगभग 3 घंटे में थम गई, और किसी प्रकार की घुसपैठ की कोशिश नाकाम रही।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, गांवों में अलर्ट जारी
सेना के साथ-साथ बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमावर्ती गांवों में रात के समय गश्त बढ़ा दी गई है, और स्थानीय लोगों को बंकरों के पास रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन द्वारा राहत कैंप भी बनाए गए हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा:
“भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। हमारी सेना हर मोर्चे पर तैयार है।”
वहीं, विपक्ष ने सरकार से सीमावर्ती गांवों में रहने वालों के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों और पुनर्वास योजना की मांग की है।