लखनऊ, 8 मई 2025 — भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक नाम देशभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है — विंग कमांडर व्योमिका त्रिपाठी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की यह बहादुर बेटी भारतीय वायुसेना के उस विशेष मिशन का हिस्सा थीं, जिसने आतंकवाद के गढ़ पर सीधा वार करते हुए आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: एक साहसिक जवाब
7 मई को भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इतिहास के पन्नों में एक सुनहरे अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है। इस ऑपरेशन में विंग कमांडर व्योमिका ने फ्रंटलाइन फाइटर जेट को उड़ाते हुए दुश्मन के क्षेत्र में गहरी पैठ बनाई और आतंकियों के लॉन्चपैड पर सफलतापूर्वक मिसाइल दागे। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस कार्रवाई में 40 से अधिक आतंकवादी मारे गए और उनके ठिकानों को भारी क्षति पहुंची।
साहस और अनुशासन की मिसाल
व्योमिका त्रिपाठी भारतीय वायुसेना में महिला अधिकारी के रूप में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखती हैं। उनकी ट्रेनिंग बेहद कठिन परिस्थितियों में हुई है और वे कई उच्च स्तरीय सामरिक अभ्यासों में भाग ले चुकी हैं। इस ऑपरेशन के दौरान उन्होंने असाधारण धैर्य, सूझबूझ और साहस का परिचय दिया।
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“विंग कमांडर व्योमिका की कार्रवाई न केवल तकनीकी रूप से दक्ष थी, बल्कि उसने यह भी दिखाया कि भारत की महिलाएं आज हर मोर्चे पर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।”
परिवार और देश को गर्व
व्योमिका के माता-पिता, जो प्रयागराज में रहते हैं, ने कहा कि उन्हें बेटी पर गर्व है। उनके पिता, एक सेवानिवृत्त शिक्षक, ने कहा:
“हमने हमेशा उसे निडर और अनुशासित देखा है। वह बचपन से ही देशसेवा का सपना देखती थी।”
स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों ने भी व्योमिका की वीरता को सलाम किया है। राज्य सरकार ने उनके सम्मान में पुरस्कार देने की घोषणा की है।
महिलाओं के लिए प्रेरणा
विंग कमांडर व्योमिका का यह अभियान भारत की उन अनेक बेटियों के लिए प्रेरणा है जो सशस्त्र बलों में सेवा देने का सपना देखती हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि कठिन से कठिन युद्ध अभियानों में भी महिलाएं अग्रिम पंक्ति में रहकर देश की सुरक्षा कर सकती हैं।
निष्कर्ष
व्योमिका त्रिपाठी की यह वीरगाथा केवल एक सैन्य अभियान की सफलता नहीं है, बल्कि यह भारत की नारी शक्ति का प्रतीक भी है। ऐसे समय में जब देश को हर मोर्चे पर सतर्कता की जरूरत है, उनकी यह साहसिक भूमिका भारत के प्रत्येक नागरिक को गर्व और आत्मविश्वास से भर देती है।
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