पटना, 8 मई 2025 — राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह उनकी पायलट बनने की महत्वाकांक्षा है, जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर व्यक्त की थी। लेकिन यह दावा उस वक्त विवादों में आ गया जब जानकारी सामने आई कि उनका पायलट प्रशिक्षण अधूरा है और वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL) के लिए वे योग्यता मानकों को अभी तक पूरा नहीं कर पाए हैं।
सोशल मीडिया पर उड़ान, हकीकत में बाधा
तेज प्रताप ने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट कर खुद को “फ्यूचर पायलट” बताया और एक विमान के साथ अपनी तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा था कि वे जल्द ही कमर्शियल पायलट बनने जा रहे हैं और भारत में विमान उड़ाने की योजना बना रहे हैं। इस दावे को लेकर उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देना शुरू कर दिया।
हालांकि, कुछ ही समय में विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों और डीजीसीए (DGCA) से जुड़े सूत्रों ने इस दावे को खारिज कर दिया। जांच में सामने आया कि तेज प्रताप ने अभी तक CPL की आवश्यक उड़ान घंटों की संख्या पूरी नहीं की है, और न ही उन्होंने DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्था से परीक्षा उत्तीर्ण की है।
DGCA के मानकों पर नहीं खरे
भारत में कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कुछ मुख्य शर्तें होती हैं:
न्यूनतम 200 उड़ान घंटे का अनुभव
DGCA से मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल से प्रशिक्षण
लिखित परीक्षा और मेडिकल फिटनेस
सिम्युलेटर टेस्ट और एयर नेविगेशन से जुड़ी दक्षताएं
तेज प्रताप की ओर से अब तक इन सभी शर्तों को पूरा करने का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया गया है।
राजनीतिक हलकों में आलोचना और व्यंग्य
तेज प्रताप के इस दावे को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखा व्यंग्य किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा,
“तेज प्रताप को पहले जमीन पर रहकर जनता की समस्याएं सुलझानी चाहिए, बाद में आकाश की उड़ान भरने की सोचना चाहिए।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक "पब्लिसिटी स्टंट" भी हो सकता है, जिससे वे आगामी चुनावों से पहले युवा वर्ग का ध्यान आकर्षित करना चाह रहे हैं।
पूर्व में भी रहे हैं चर्चा में
यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप अपने विवादास्पद बयानों या हरकतों को लेकर चर्चा में आए हों। कभी भगवान कृष्ण के रूप में सजने से लेकर साइकल पर गौशाला चलाने तक, उनके कई प्रयास राजनीतिक से ज्यादा प्रतीकात्मक और सोशल मीडिया उन्मुख रहे हैं।
निष्कर्ष
तेज प्रताप यादव का "पायलट बनने" का सपना यदि वास्तव में सच्चा है, तो इसके लिए उन्हें विमानन के नियमों और मानकों का पालन करते हुए प्रशिक्षण को गंभीरता से पूरा करना होगा। अन्यथा यह प्रयास केवल एक राजनीतिक हास्य का विषय बनकर रह जाएगा, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है।