इस्लामाबाद, 8 मई 2025 — पाकिस्तान के दो प्रमुख शहरों — लाहौर और रावलपिंडी — में बुधवार देर रात हुए संदिग्ध ड्रोन हमलों ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। इन हमलों के चलते कई स्थानों पर जोरदार विस्फोट हुए, जिससे नागरिकों में दहशत फैल गई और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं।
हमले की प्रकृति और संभावित लक्ष्य
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रात करीब 2:15 बजे लाहौर के बाहरी इलाके में पहला धमाका सुना गया, जिसके कुछ ही मिनटों बाद रावलपिंडी के सैन्य क्षेत्र के समीप दूसरा बड़ा विस्फोट हुआ। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यह हमला ड्रोन से गिराए गए विस्फोटकों के माध्यम से किया गया। दोनों शहरों में धमाके ऐसे स्थानों पर हुए जहां या तो सैन्य गतिविधियां संचालित होती हैं या फिर संवेदनशील प्रतिष्ठान स्थित हैं।
सरकारी पुष्टि और चुप्पी
पाकिस्तानी सेना की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों ने इन घटनाओं को "आतंरिक सुरक्षा में सेंध" बताया है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं और ड्रोन के रास्ते, संचालन तकनीक, और उसके संभावित ऑपरेटर की पहचान की जा रही है।
जनता में भय और अफवाहें
हमलों के बाद लाहौर और रावलपिंडी में कई इलाकों की बिजली आपूर्ति रोक दी गई और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित रहीं। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आए हैं, जिनमें विस्फोटों की आवाज और उठता धुंआ साफ देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने दावा किया है कि उन्हें "सर्जिकल स्ट्राइक जैसा अहसास" हुआ।
भारत की भूमिका को लेकर अटकलें
हालांकि पाकिस्तान के किसी भी अधिकारी ने भारत का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया है, लेकिन कुछ कट्टरपंथी समूहों और स्थानीय मीडिया चैनलों ने भारत पर उंगली उठाई है। भारत सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह हमला वास्तव में सीमा पार से किया गया है, तो यह तकनीकी रूप से अत्यंत उन्नत और रणनीतिक रूप से सटीक हमला माना जाएगा। इससे पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों पर भी प्रश्नचिन्ह उठते हैं।
आगामी कदम और रणनीतिक तनाव
इन हमलों के बाद पाकिस्तानी वायुसेना और आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रमुख एयरबेस और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे कोई और हमला न हो।
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चल रहे तनाव के बीच यह घटना दोनों देशों के बीच रणनीतिक संवाद को और जटिल बना सकती है। वैश्विक समुदाय विशेषकर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र, इस पर नजर बनाए हुए हैं।